Short Story | Short Story in Hindi
राजा ब्रूस और मकड़ी 🥳
:- राजा ब्रूस स्काटलैंड का
राजा था | उसके देश पर अंग्रेजो ने अपना आधिपत्य जमा लिया था | उसने देश को
स्वतंत्र करवाने के लिए अंग्रेज के विरुद्ध कई बार युद्ध किया | परंतु हर बार वह
असफल रहा | अंत में निराश होकर युद्ध के मैदान से भाग गया और एक गुफा में जाकर छिप
गया | राजा ब्रूस ने इस स्वतंत्रता के संघर्ष को छोड़ने का निश्चय किया | वह युद्ध
से तंग आ चुका था | उसने देखा की एक मकड़ी अपने जाल को बुनते हुए गिर पड़ी | मकड़ी
ने अपने जाल पर पहुंचने के लिए कई बार प्रयत्न किया | परंतु वह हर बार नीचे गिर पर
पड़ती | अचानक मकड़ी गिर कर बेहोश हो गई | राजा ब्रूस ने सोचा की अपने कार्य में
बार- बार असफल होने के बाद मकड़ी अब प्रयत्न करना छोड़ देगी | परंतु पूरी शक्ति के
साथ छलांग लगाई और वह अपने जाल पर पहुंचने में सफल हो गई। राजा ब्रूस को इस छोटे से
जीवन से बहुत प्रेरणा मिली । वह आशा से भर गया । उसने सोचा ,” यदि एक छोटी सी मकड़ी
अपने प्रयत्न से सफल हो सकती है , तो वह अपने संघर्ष में क्यों नहीं हो सकता हैं।”
राजा ब्रूस ने फिर सेना इकट्ठा किया और अंग्रेजो पर धावा बोल दिया । उसका अंतिम
प्रयत्न सफल हो गया । उसने अपने देश को आंग्रजो के पंजे से मुक्त करा लिया था
“। शिक्षा :- सत्य प्रयत्न सफलता की सीढी है
04 चोर की दाढ़ी में तिनका
:- किसी नगर में
एक धन्यवाद व्यक्ति रहता था | उसके पास बहुत संपति थी | उसका कारोबार भी बहुत बड़ा
था | काम - काज संभालने के लिए उसने बहुत से नौकर रखे हुए थे | उन नौकरों में एक
नौकर को चोरी करने की आदत थी | एक बार उस नौकर ने मालिक के आभूषण के पेटी चुरा ली |
उस धनवान व्यक्ति ने आभूषण की पेटी के लिए अनेक प्रयत्न किए किंतु निष्फल रहा | चोर
का कोई पता न लगा सका| अंत में उसे एक उक्ति सूझी | उसने दूसरे दिन अपने सभी नौकर
को इक्कठा किया और उन सब को एक लंबी छड़ी दे दी | धनवान आदमी ने नौकर से कहा की
जिसने आभूषण की पेटी चुराई होगी : उसकी छड़ी एक इंच लंबी हो जायेगी | उसने सब नौकर
को घर वापसी भेज दिया और प्रातःकाल छड़ी के सहित आने को कहा | जिन नौकर ने चोरी
नहीं की थी उनको तो डर नहीं था | वे निश्चिंत रहे | परंतु चोर डर गया | उसने सोचा “
में पहले ही छड़ी को एक इंच छोटी कर दूं |’ उसने एक इंच छड़ी को काट दिया और दूसरे
दिन उसी छड़ी को लेकर धनी के पास गया | सबके नौकरों की छड़ियां पूरी थी परंतु चोर
की छड़ी छोटी थी | उसकी चोरी पकड़ी गई |
शिक्षा :- चोर हमेशा भयभीत , अशांत रहता हे अथवा चोर की दाढ़ी में तिनका
05 घमंडी बरहसिंगा
किसी वन में एक बारहसिंगा रहता था |
गर्मियों के दिन थे | बारहसिंगा को बहुत जोर से प्यास लगी थी | वह पानी पीने के लिए
एक स्वच्छ जल वाले तलाब पर गया | पानी पीते समय नजर अपनी परछाई पर पड़ी वह सोचने
लगा की मेरा सिंग कितना सुंदर हे ,मुझे तो इस वन का राजा होना चाहिए था | इतने में
उसने अपनी भद्दी टांगो को देखा | टांग देखकर उसे बहुत दुख हुआ | उसने सोचा की ईश्वर
कितना अन्याई हे| अभी वह ऐसा सोची ही रहा था की उसे शिकारी कुत्ते भौंकने की आवाज
सुनाई दी | बारहसिंग तीव्र गति से भगा | भागते - भागते एक मोड़ पर उसकी सिंग झाड़ी
में फस गए | उसने इसे छुड़ाने की बहुत कोशिश की परंतु वह सफल न हो सका | इतने में
कुत्ते निक्ट आ गए | अब वह सोचने लगा की आज मेरी मृत्यु इन सिंग के कारण ही होगी |
मेरी भद्दी टांग ने मुझे बचाने का बहुत प्रयत्न किया | कुत्ते देखते ही उस पर झपट
पड़े और फार कर खा गए |
शिक्षा :- घमंडी का सिर नीचा |
06 दो बिल्लियां और बंदर
👉:- किसी गांव में दो बिल्ली रहती थी | एक दिन दोनो बिल्लियां भूखे से बेचैन हो कर भोजन
की खोज में इधर - उधर घूम रही थी | अचानक उन्हें एक घर से रोटी का एक टुकड़ा मिला |
दोनो बिल्लियां रोटी का टुकड़ा जंगल की ओर चल पड़ी | वे रोटी को दो समान भागों में
बांटना चाहती थी ,परंतु आपस में झगड़ने लगी | इतने में उधर से एक चालक बंदर आ निकला
| उन दोनो को आपस में झगड़ते हुए देखकर बंदर ने पूछा - “ बहनों क्यों लड़ रही हो ?
लाओ मैं इन्हें दो समान भागों में बांट देता हूं |” वह तराजू लाया और रोटी के दो
टुकड़े करके दोनो पलड़ो में डाल दिए | एक पलड़ा नीचे था और दूसरा ऊंचा | जिस ओर
पलड़ा भरी था उधर से बंदर ने थोड़ा सा टुकड़ा तोड़ कर खा लिया | इस प्रकार तराजू का
जो पलड़ा नीचे ( भरी) होता बंदर वहा से रोटी का टुकड़ा तोड़ कर खा लेता | अंत में
एक छोटा - सा टुकड़ा बच गया | बिल्लियां यह देख कर कहने लगी - “ हमे हमारी रोटी दे
दो |” तो बंदर कहने लगा “ यह मेरी तौलने की फीस हे |” यह कहकर वह बाकी रोटी भी खा
गया | बिल्लियां बंदर का मुंह देखती ही रह गई