10 सर्वश्रेष्ठ प्रेरणात्मक कहानियाँ हिंदी में | प्रेरणात्मक उद्धरण 2025
*"माँ...मां कुछ नहीं समझती...हमेशा टोकरी में रहती है...उसकी वजह से मेरी जिंदगी बर्बाद हो रही है!"*
यह शब्द आरव के थे, जो आपके कमरे के दरवाजे से जोर से निकला था। उसकी माँ, सुधा, स्थिर स्थिर रुक... मूस काँपते रहे, पर आँखों से कोई आँखें नहीं निकलीं। शायद अब आँखें भी थक गयी थीं।
*🌸एक माँ की शुरुआत*
सुधा एक साधारण गाँव की महिला थी। पति की अचानक मौत के बाद उन्होंने कर-करके अरव को पढ़ाया। कभी इकट्ठे हुए, कभी लोगों के पॉश्चर मांजे, पर बेटे को स्कूल से छुट्टी नहीं मिली।जब लोग कहते हैं - *"इतनी पढ़ाई का क्या इंतजार है बेटा?"*,
सुधाजी सिर्फ तस्वीरकर कहना –*"मेरा अरव एक दिन का बच्चा बनेगा... और मैं गर्व से कहूंगी - ये मेरा बेटा है।"*
*📚स्कूल से कॉलेज तक का सफर*
आरव तेज़ था, पढ़ाई में अच्छा। सुधा ने अपना सब कुछ लेकर उसे शहर के बड़े कॉलेज में भेज दिया। आरव जब शहर गया, तो सुधा रोज़ मंदिर जाता है, हाथ पैरेंट —*"हे भगवान, मेरे बेटे को एक टुकड़ा बना देना, मुझे रोटी के एक टुकड़े के लिए तरना देना।"*
लेकिन शहर पर्यटन व्यवस्था लगा। अब उसे माँ के कपड़े पुराने स्टॉक, उसकी भाषा शर्मिंदगी कंपनी, उसका थोक लोड शुरुआती।*💔मां के दिल पर घाव*
एक दिन अरव ने फ़ोन पर कहा -*"माँ, अब तुम मुझसे मत करो। कॉलेज में मुझे सब बातें सिखाती हैं कि तुम्हारी माँ गाँव की गंवार लगती है।"*
माँ चुप रहो। रात भर रोटी रथ...मगर अगली सुबह फिर गया मंदिर -
*"हे भगवान, मेरा बेटा खुश है। कायर में उसकी आवाज भी न सुन पाऊँ।"*
*🩺बीमारी और परेशानी*
कुछ देर बाद सुधा बीमार पड़ी - कैंसर हो गया था। लेकिन उन्होंने बेटों को नहीं बताया, क्योंकि उन्हें पता था कि आरवी जॉब की तैयारी चल रही है।उन्होंने कहा - 'राधा की लड़की'
*“अगर कभी मेरा बेटा आये, तो उसे ये पौधे दे दे… शायद तब उसे मेरी बर्बादी समझ आये।”*
*✈️वापसी...लेकिन देर हो गई थी
एक दिन अरव को गाँव से फ़ोन आया - *" तेरी माँ अब नहीं रही।"*
वो भागकर आया। मां की टूटी-फूटी चारपाई, पुराने जूते और दीवार पर लटकी उनकी फोटो देखकर वो टूट गईं।
राधा ने उसे वोल्ट पत्र दिया 🧾दी।
*💌"वो आखिरी अक्षर" (माँ की कलम से)*
| "प्यारे बेटे आरव,
जब तू ये बिस्तर बनाऊंगा, तब मैं शायद इस दुनिया में नहीं रहूं। मुझे बहुत
परेशानी
हुई
ना
?
एक बात हमेशा याद रखें -
*माँ वो दरख्त होती है जो खुद धूप में जलती है, लेकिन बेटे की छाँव उद्योग नहीं।*
मैं तुझसे कभी नाराज़ नहीं था, और न हो सकता था।तेरा नाम रोशन हो... बस यही दुआ है।
- माँ तेरी, सुधा।"
*😢मोबाइल्स*
आरव उस चिट्ठी को सीने से लगाकर फूट-फूट कर रोने लगा।आज उसे समझ आया कि माँ की आँखें क्यों लाल रहती थीं, उनकी हथेलियाँ क्यों फटी थीं, और उनके पैरों में चप्पल क्यों नहीं थी।
वो मंदिर गया… माँ की वही पुरानी मुरझाई माला देखी और बस एक ही शब्द कह सका —
*"माँ... माफ कर दो... एक बार बस..."*
*🧠 Message (संदेश):*
माँ का दिल बहुत बड़ा होता है – वह चोट सहती है लेकिन दिखाती नहीं।
Maa जो तकलीफ सहती है, वो शायद कोई और नहीं सह सकता।
बेटा या बेटी चाहे जितने बड़े हो जाएं, माँ की ममता उनके लिए कभी छोटी नहीं होती।
*माँ को शर्मिंदा नहीं, गर्वित करें। क़द इतना बड़ा हो कि माँ का आँचल और भी ऊँचा हो जाए।*
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