Physics VVI Question and Answer
PHYSICS ( भौतिकी)
Q1 आदिश राशि :- वह राशि जिसमे केवल परिमाण होता है | आदिश राशि कहलाता है | जैसे :- चाल , कार्य |
Q2 सदिश राशि :- वह राशि जिसमे परिमाण और दिशा दोनो होता है , सदीष राशि कहलाता है | जैसे :- वेग,विस्थापन, बल
Q3 चाल ;- किसी पिंड द्वारा समय के साथ स्थान - परिवर्तन को चाल कहते है |
चाल = दूरी\समय
Q4 वेग :- किसी पिंड द्वारा समय के साथ निश्चित दिशा में तय की गई दूरी को वेग कहते है |
वेग= विस्थापन \समय
Q5 त्वरन ;- पिंड द्वारा समय के साथ वेग - परिवर्तन की दर को त्वरन कहते है |
त्वरन = वेग परिवर्तन \ समय
Q6 गुरुत्वी त्वरन :- स्वतंत्र रूप से पतन में पिंड को एक समान त्वरन पृथ्वी के आकर्षण के कारण होता है | इस त्वरन को गुरूत्वी त्वरन कहते है | ( इसका मान 9.806 m\s के बराबर होता है )
Q7 बल :- वह भौतिक राशि है जो किसी वस्तु पर लगने से उसके अवस्थाओं में परिवर्तन तथा गति प्रदान करते है , उसे बल कहते है ( F=m.a)
Q8 जड़त्व :- पिंड में उपस्थित वह स्थाई गुण जिसके कारण वह अपनी अवस्था को बनाए रखता है या रखना चाहता है ,उसे जड़त्व कहते है |
Q9 स्थिर या विराम जड़त्व :- पिंड में उपस्थित वह गुण जो अपनी विराम अवस्था को तब तक बनाए रखता है या रखना चाहता है , जब तक की उस पर कोई बाह्य बल कार्य न करे \
Q10 तिज जड़त्व :- पिंड में उपस्थि वह गुण जो अपनी गतिज अवस्था को तब तक बनाए रखता है ,या रखना चाहता है जब तक की उस पर वाह्य बल कार्य न करे \
Q11 भार :- किसी पिंड का भार वह बल है ,जिसके द्वारा पृथ्वी उसे अपनी केंद्र की ओर खींचती है |
भार = द्रव्यमान × जड़त्व गुरूत्वी तवर्ण
Q12 द्रव्यमान :- किसी पिंड में उपस्थित पदार्थ की मात्रा को द्रव्यमान कहते है |
Q13 संवेग :- किसी पिंड के द्रव्यमान और उसके वेग के गुणनंफ को संवेग कहते है P= M × V
Q14 न्यूटन के गति के तीन नियम :
न्यूटन के गति का पहला नियम = किसी पिंड पर जब तक कोई बाह्य बल कार्य न करे तब तक पिंड अपनी अवस्था को बनाए रखता है
न्यूटन के गति का दूसरा नियम = किसी वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर लगाए गए बल के समानुपति होती है |
न्यूटन के गति का तीसरा नियम = प्रत्येक क्रिया के परिणाम में बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है |
Q15 गोलीय दर्पण :- वह दर्पण जिसकी परिवर्तन सतह एक गोले का भाग होता है | गोलिय दर्पण दो प्रकार के होता है (1) उतल या अपसारी (2) अवतला या अभिसारी
Q16 पर्वलीय दर्पण :- वह वकृत दर्पण जो पूर्णतः गोल नहीं होते है प्रवर्तन दर्पण कहे जाते है |
Q17 प्रतिबिंब :- किसी अक्ष या बिंदु से आ रही प्रकाश की किरणे प्रवर्तन या अपवर्त्न के बाद जिस बिंदु पर काटती है उस बिंदु को प्रतिबिंब कहते है |
Q18 अवतल दर्पण के तीन उपयोग को लिखें|
( 1) मोटर कर के अग्र दीपो
(2) ह्जमाती बनाने में
(3) डाक्टर द्वारा
Q19 लेंस :- किसी परावर्ती पदार्थ का वह भाग जो दो पृष्ठ द्वारा घिरा हुआ एक अंश होता है, जिसका कम से कम एक पृष्ठ वकृत हो जो आपत्ति किरण को अपसारित या अभिसारित करता है , लेंस कहलाता है |
Q20 निकट दृष्टिदोष :- निकट दृष्टि दोष युक्त आंख समीप की वस्तु को स्पष्ट देख पाता है , जबकि दूर की वस्तु को स्पष्ट दिखाई नहीं देता है , क्योंकि उसका प्रतिबिंब रेटीना के सामने बनता है , इसके लिए अवतल लेंस का उपयोग होता है |
Q21 दूर दृष्टिदोष :- इस दृष्टि दोष में दूर की वस्तु स्पष्ट प्रतीत होती है ,जबकि समीप की वस्तु स्पष्ट दिखाई नहीं देती है | इसमें उतल लेंस का उपयोग होता है \
शक्ति :- कार्य करने की दर को शक्ति कहते है |
शक्ति = कार्य/ समय
Q23 ऊर्जा :- कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते है | ऊर्जा के विभिन्न प्रकार है
गतिज ऊर्जा (2) स्थिति ऊर्जा ,
ऊर्जा के विभिन्न रूप है
(1)यांत्रिक ऊर्जा (2) विद्युत ऊर्जा (3) प्रकाश ऊर्जा (4) ऊष्मा ऊर्जा (5) ध्वनि ऊर्जा (6) रसायनिक ऊर्जा (7) चुंबकीय ऊर्जा और नाभिकीय ऊर्जा
24. कार्य :- जब किसी पिंड पर कोई बल इस प्रकार लगे की उसमे गति उत्पन्न हो जाए , बल द्वारा लगाव बिंदु को विस्थापन करने को कार्य कहते है |
25. ऊर्जा - संरक्षण का सिद्धांत :- विश्व में कुल ऊर्जा की मात्रा अचर है , न तो ऊर्जा उत्पन्न होती है , और न नष्ट ; केवल इसका रूपांतरण होता है | इस सिद्धांत को ऊर्जा - संरंक्षण का सिद्धांत कहते है |
26. उत्प्लावन बल :- जब किसी पिंड को तरल में डुबाया जाता है ,तो उस पिंड में सीधे ऊपर की ओर लगा हुआ बल उस पिंड का उत्पलाव्न बल कहलाता है और यह पिंड द्वारा विस्थापित तरल के भार के बराबर होता है |
27. घनत्व :- किसी पदार्थ के एक आयत में द्रव की जो मात्रा होती है उसे पदार्थ का घनत्व कहते है |
28. विशिष्ट घनत्व :- किसी ठोस अथवा द्रव पदार्थ का विशिष्ट घनत्व उसके घनत्व के 4.C ताप पर पानी के घनत्व के अनुपात का है |
29. आर्कमिडिज का सिद्धांत :- जब कोई वस्तु किसी द्रव में पूर्णतः या आंशतः डुबाई जाति है तो उसके भार में आभासी कमी वस्तु के डूबे हुए भाग द्वार हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है |
30. विद्युत चालक और विद्युत रोधी :- जिन पदार्थ से होकर विद्युत आवेश गमन करता है,उसे विद्युत चालक एवं जिन पदार्थ से विद्युत आवेश गमन नही करता है,उसे विद्युत रोधी कहते है
31. वांट :- एक जुल प्रति सेकेंड कार्य करने की दर को वांट कहते है |
32. ओम का नियम :- नियत ताप पर किसी चालक के सिरों के बीच विभावंतर उसके प्रवाहित धारा का समानुपाती होता है |
33. विद्युत - धारा :- आवेश के प्रवाहित होने की दर को विद्युत धारा कहते है